विश्व मस्तिष्क स्वास्थ्य दिवस / World Brain Health Day
विश्व मस्तिष्क स्वास्थ्य दिवस: कर्नाटक में 'हब-एंड-स्पोक' मॉडल से होगा स्ट्रोक प्रबंधन और सिर की चोट का इलाज
21 May 2025: '--' (hub-and-spoke model) '--' (stroke management) '--' (head injury care) '--' यह पहल राज्य भर में गुणवत्तापूर्ण न्यूरोलॉजिकल देखभाल तक पहुंच में सुधार लाने और समय पर उपचार सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
क्यों है इस मॉडल की आवश्यकता?
स्ट्रोक और गंभीर सिर की चोटें भारत में विकलांगता और मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से हैं। समय पर निदान और उपचार इन स्थितियों के परिणामों को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है। हालांकि, विशेषज्ञ न्यूरोलॉजिस्ट और उन्नत चिकित्सा सुविधाओं की कमी अक्सर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में मरीजों के लिए चुनौती पेश करती है। 'हब-एंड-स्पोक' मॉडल इसी खाई को पाटने का लक्ष्य रखता है।
कैसे काम करेगा 'हब-एंड-स्पोक' मॉडल?
इस मॉडल में, राज्य के प्रमुख शहरों में स्थित बड़े मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल 'हब' (hub) के रूप में कार्य करेंगे। इन हब अस्पतालों में उन्नत न्यूरो-इमेजिंग सुविधाएं, न्यूरो-सर्जरी इकाईयां, आईसीयू और प्रशिक्षित न्यूरोलॉजिस्ट और न्यूरो-सर्जन सहित विशेषज्ञ चिकित्सा दल उपलब्ध होंगे।
दूसरी ओर, जिला और तालुक स्तर के अस्पताल 'स्पोक' (spoke) के रूप में कार्य करेंगे। इन स्पोक अस्पतालों में प्राथमिक निदान के लिए आवश्यक उपकरण और प्रशिक्षित स्टाफ होगा, जो आपातकालीन स्थिति में स्ट्रोक या सिर की चोट के मरीजों को प्रारंभिक स्थिरता प्रदान कर सकें।
मॉडल के मुख्य लाभ:
*: "Golden Hour" () * विशेषज्ञता का विस्तार: हब अस्पतालों के विशेषज्ञ स्पोक अस्पतालों के डॉक्टरों को टेलीमेडिसिन और ई-परामर्श के माध्यम से सहायता प्रदान करेंगे।
* बेहतर रेफरल प्रणाली: गंभीर मामलों को तत्काल हब अस्पतालों में रेफर करने के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली स्थापित की जाएगी।
* प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण: स्पोक अस्पतालों के कर्मचारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि उनकी स्ट्रोक और सिर की चोट के प्रबंधन की क्षमता बढ़ाई जा सके।
* लागत-प्रभावशीलता: सभी जगहों पर पूर्ण विकसित न्यूरोलॉजी केंद्रों की स्थापना के बजाय, यह मॉडल अधिक लागत-प्रभावी है और संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करता है।
आगे की राह
कर्नाटक सरकार ने इस मॉडल को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास, उपकरण खरीद और कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त धन आवंटित करने की प्रतिबद्धता जताई है। यह पहल निश्चित रूप से राज्य में मस्तिष्क स्वास्थ्य देखभाल के परिदृश्य को बदल देगी और हजारों लोगों के जीवन को बेहतर बनाएगी।
यह एक बहुत ही सकारात्मक कदम है जो कर्नाटक के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकता है।
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